उत्तराखंड के सांसद अन्तर्राज्यीय सड़क के लिए गंभीर नहीं- मुजीब

 सेतु बंध योजना से बने हरिद्वार रामनगर रोड 

 उत्तराखंड के सांसद अन्तर्राज्यीय सड़क के लिए गंभीर नहीं- मुजीब 



उत्तराखंड की अकेली और उत्तराखंड की रीढ कही जाने वाली हरिद्वार रामनगर रोड जो अंग्रेजी शासन काल और यूपी के समय अनवरत चलायमान थी, परन्तु राज्य बनने के बाद इसे राज्य के संकीर्ण मानसिकता रखने वाले राज्य के सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों की संकीर्ण मानसिकता और सोच के चलते 22 साल में भी नहीं बन पाई.    रामनगर कालागढ़, कोटद्वार से हरिद्वार  की सड़क बनाने को लेकर उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने सेतु बंध योजना के तहत सड़क बनाए जाने की मांग की।

उत्तराखण्ड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि हमारे सांसद  प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण सड़क के प्रति गंभीर नहीं हैं और प्रदेश के अधिकारी सड़क बनाने के अनिच्छुक हैं, इसलिए बिना बात के रोड़े की बात करते हैं।

मुजीब नैथानी ने कहा कि सेतु बंध योजना के तहत रिजर्व फॉरेस्ट वाले इलाकों में सड़क को दस मीटर की ऊंचाई वाले पिलरों के सहारे बनाया जा सकता है, जिसकी वजह से ही सड़क निर्माण में रोड़ा बताया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि रिजर्व फॉरेस्ट के इलाके में जमीन से दस मीटर ऊपर सड़क के गुजरने से न तो वन्य जीवन प्रवाहित होगा और साथ ही साथ कुमाऊँ मंडल गढ़वाल मंडल से जुड़ सकेगा।

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के सांसदों को वाकई प्रदेश के विकास की चिंता होती तो अभी तक सेतु बंध योजना के तहत हरिद्वार से रामनगर तक सड़क बननी शुरू हो चुकी होती।

उन्होंने कहा कि ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है कि लालढांग चिल्लरखाल और कोटद्वार रामनगर सड़क मार्ग रिजर्व फॉरेस्ट की घोषणा से पूर्व के मार्ग हैं इसलिए भी नियमानुसार उक्त मार्ग के डामरीकरण पर किसी भी प्रकार का अवरोध रिजर्व फॉरेस्ट बनने के बाद बताया जाना अवैधानिक है।

रिपोर्टर- पुष्कर पवार "पदम"

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