कोटद्वार में वैश्य समुदाय ने भव्यता के साथ मनाया गनगौर उत्सव

 

 कोटद्वार में वैश्य समुदाय ने भव्यता के साथ मनाया गनगौर उत्सव 

 नव विवाहिता और कुंवारी कन्याओं के लिए महत्वपूर्ण होता है त्यौहार
 होली समापन के बाद शुरुआत, तो चैत्र नवरात्र की तृतीया पर समापन 

  रिपोर्ट - पुष्कर सिंह पवार "पदम"


  कोटद्वार. भारतीय संस्कृति की विभिन्नता में एकता का संदेश देती है तो भारतीय सनातन परंपरा में आस्था रखने वाले विभिन्न समुदायों के धार्मिक आस्था से जुड़े तीज त्यौहार जहाँ समाज में ईश्वर के प्रति आस्था तो अपने समुदाय के लिए धर्म के आधार पर तीज त्यौहार के माध्यम से परिवार और समुदाय को संगठित करने का भी संदेश देते हैं.

  मारवाड़ी समुदाय में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, 'गनगौर' जो होली के तुरन्त बाद परिवार की नवविवाहित वहु और परिवार की कुंवारी कन्या मां गौरी और गणेश को अपने परिवार में स्थापित कर चैत्र नवरात्र के तृतीय नवरात्र के दिन विसर्जित करते हैं. इस दिन त्यौहार के पकवान में पूरी हलवा व पूवों का महत्वपूर्ण स्थान होता है.




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