लोकप्रिय कुमाऊनी होली का कार्यक्रम 13 मार्च को सिगड्डी में

लोकप्रिय कुमाऊनी होली का कार्यक्रम 13 मार्च को सिगड्डी में 

महिला कीर्तन मंडली व मंगल दलों के बीच होगी रोमांचक प्रतियोगिताएं 



कोटद्वार। होली शब्द मन-मस्तिष्क में आते ही अबीर-गुलाल की खुशबू के साथ उसके रंग बिरंगे रंग मन को रंगमय तो बनाने लगते तो हैं साथ में होली की हंसी ठिठोली, रंगारंग होली गीत हर किसी को होली के रंग में रंगने और सरोबार करने में काफी है। यूं तो होली को ब्रज और मथुरा का गढ़ माना जाता है परन्तु उत्तराखंड की कुमाऊनी होली का सांस्कृतिक रूप ब्रज और मथुरा से किसी मायने में कम नहीं है। कुमाऊं में बसंत ऋतु के पर्व से ही होली की शुरुआत हो जाती है। गांव-गांव, गली चौराहों पर गढ़ा पीला ऋंडा इसकी पहचान है यह ऋंडा़ होलिका दहन के बाद ही विधि-विधान से हटता है। बसंत पंचमी से ही कुमाऊं में घर घर में पुरुषों व महिलाओं के होलियारों की टोलियां होली के राधा-श्याम,शिव पार्वती के गीतों के साथ जीजा साली,देवर भाभी के हंसी-मजाक व मीठी-मीठी छेड़छाड़ के गीतों से देखने सुनने वालों को खूब गुदगुदाने के साथ तनावमुक्त कर देते हैं।
 कुमाऊं में विशेषकर आज भी पहाड़ों में घर-घर में बैठकी होली गाई जाती है जो कि शास्त्रीय गीत संगीत पर आधारित होती है, जिस भी घर में बैठकी होली गाई जाती है उस घर के लोग होलियारों के लिए चाय,शरबत, मिठाई, गुजिया व पकौड़ियों से मेहमानबाजी निभाते हैं अबीर-गुलाल और होली रंगों से एक दूसरे को बधाई व आशीर्वाद देते हैं। 



 कोटद्वार में आजादी से पूर्व से रह रहे कुमाऊं वंशजों और उनकी पीढ़ी द्वारा कोटद्वार में कुमाऊं सामाजिक सांस्कृतिक मैत्री समिति गठित कर कुमाऊं के तीज त्यौहार व संस्कृति को जीवंत बनाने के उद्देश्य से पिछले चार-पांच वर्षों से कुमाऊं की धार्मिक सांस्कृतिक व सामाजिक परम्पराओं में होली त्योहार को भी जीवित किया है। इसी होली त्यौहार को कुमाऊनी परम्परा अनुसार मनाने के लिए रविवार को मोटाढांग शिवराज पुर में समीति की बैठक समीति के संरक्षक शंकरदत्त जोशी की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में समीति के अध्यक्ष हुकुम सिंह नेगी ने सदस्यों को जानकारी दी कि समीति विधिवत कानूनी तरीके से रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद समीति होली मिलन कार्यक्रम भव्य तरीके से मनाएगी। सचिव पुष्कर सिंह पवार ने बताया कि समीति पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार कुमाऊनी लोगों को संगठित करने में जुटी है आज समिति में सनेह से लालढांग चिल्लरखाल तक के लोग संगठित हो रहे हैं। कुबेर जलाल व पूरण सिंह नेगी ने समीति को स्थानीय स्तर पर महिलाओं को संगठित करने पर जोर दिया व समीति का वार्षिक कलैंडर कुमाऊं के तीज त्यौहार की जानकारी के साथ बनाने पर जोर दिया। भास्कर पोखरिया व सुधीर पांडे ने वित्तीय लेन-देन सदस्यता शुल्क में पारदर्शिता बरतने के दृष्टिगत शीघ्र समीति का खाता खोलने पर जोर दिया। मीना अधिकारी द्वारा कुमाऊं की सांस्कृतिक व सामाजिक परम्पराओं की जानकारी नई पीढ़ी को देने के लिए विद्यालयों में प्रतियोगिता आयोजित करने का सुझाव दिया गया। संभव अधिकारी ने सुझाव दिया कि समीति के समस्त दस्तावेजों को विधि विशेषज्ञ की निगरानी में तैयार करवाया जाए जिससे भविष्य में किसी भी विवाद से बचा जा सके। राम सिंह नेगी ने कहा समय समय पर कार्यक्रमों को महिलाओं के नेतृत्व में करवाया जाए व महिलाओं के लिए भी प्रतियोगिता करवाई जाए जिससे कुमाऊं की महिलाओं को भी मंच मिल सके। इस अवसर पर इंद्रपाल सिंह अधिकारी,ललित मोहन जोशी सहित समीति के सक्रिय सदस्य मौजूद रहे।



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