राज्यस्तरीय निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता में छात्रों संग निपुण शिक्षक भी सम्मानित
प्रतियोगिता में अल्मोड़ा प्रथम, बागेश्वर द्वितीय और पिथौरागढ़ तृतीय स्थान रहा
देहरादून। निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत राज्यस्तरीय निपुण विद्यार्थी प्रतियोगिता राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद देहरादून में आयोजित हुई जिसमें 13 जिलों के टॉपर छात्रों ने प्रतिभाग किया। जिसमें अल्मोड़ा प्रथम, बागेश्वर द्वितीय और पिथौरागढ़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संकुल स्तर से ब्लॉक और जिले में आयोजित गणित और हिन्दी की परीक्षा के प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रदेश के 13 छात्रों को निपुण विद्यार्थी तथा उनके मार्गदर्शक निपुण शिक्षकों को महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा डॉ. आलोक शेखर तिवाड़ी और राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डॉ कुलदीप गैरोला द्वारा सम्मानित किया गया। निपुण शिक्षक छात्र जोड़ी दीपक ऐठानी व गौरव, राजीव मासीवाल व तथागत, सन्तूदास व आदित्य, माधुरी रावत व शिवाली, दीपा तिवाड़ी व दनिका, ममता गुप्ता व हर्षवर्धन, महेश भट्ट व दीक्षा, खुशीराम व गरिमा, संध्या पाण्डे व संजय, अर्चना बगवाड़ी व सिद्धार्थ, संदीप राणा व सिद्धिका, भुवनेश्वरी रावत व कार्तिक, नीलम अग्रवाल व कृष्णा आदि शिक्षक व छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ.गैरोला, अपर निदेशक एससीईआरटी प्रदीप रावत, सहायक निदेशक डॉ.बिजलवान, अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के पदाधिकारी, समस्त फैकल्टी, शिक्षक और अभिभावक मौजूद रहे।
वनाग्नि की सूचना समय पर नहीं दिए जाने पर वन विभाग के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही होगी तय: जिलाधिकारी
पौड़ी। वनाग्नि रोकथाम तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने जिला कार्यालय स्थित एनआईसी कक्ष में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि के प्रति जागरूकता को लेकर जनपद भर में अभियान चलाया जाए। वनाग्नि की सूचना समय पर कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंचाने पर संबंधित बीट अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
गुरूवार को आयोजित वनाग्नि रोकथाम संबंधित बैठक में जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों व संबंधित विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये कि वनाग्नि के प्रति व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाकर इसकी दैकिन रूप से सूचना जिला मुख्यालय पर स्थापित कंट्रोल रूम को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। काश्तकार अपने खेतो व उसके आसपास की झाड़ियों (आड़ा) न जलाएं इस हेतु उन्होंने कृषि, वन, पशुपालन व उद्यान विभाग के अधिकारियों को काश्तकारों के बीच वनाग्नि को लेकर विशेष अभियान जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सात दिन में वनाग्नि की दृष्टि से चिन्हित 47 संवेदनशील स्थलों की माइक्रो लेवल प्लान प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि वन विभाग के संबंधित फॉरेस्ट गार्ड द्वारा यदि सैटेलाइट इमेज प्राप्त होने से पहले वनाग्नि की सूचना नहीं दी जाती है तो ऐसी स्थिति में संबंधित क्षेत्र के फॉरेस्ट गार्ड/बीट अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। वनाग्नि के दौरान ड्रोन के सदुपयोग को लेकर जिलाधिकारी ने आपदा व वन विभाग के ड्रोन ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी ने शिक्षा व वन विभाग के अधिकारियों को वनाग्नि के दृष्टिगत संवेदनशील ऐसे स्कूलों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं जो जंगल से सटे होने के कारण वनाग्नि की चपेट में आ सकते हैं। जिलाधिकारी ने एक टास्क फोर्स के गठन के निर्देश भी दिये है जो कि प्रत्येक 15 दिन में वस्तु स्थिति की समीक्षा करते हुए रिपोर्ट आपदा प्रबंधन को कराएंगे। जिलाधिकारी ने सभी रेखीय विभागों व क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वनाग्नि के प्रति जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए बैठकों का आयोजन कर आवश्यक तैयारियां पूरी करना सुनिश्चित करें। उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम के लिए शीतलाखेत मॉडल नासा के रिसर्च डेटा पर वन विभाग द्वारा अब तक किये गये कार्यों की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। अनियंत्रित वनाग्नि पर काबू पाने के लिए भारतीय वायु सेना से मदद लेने की संभावना की दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को आवश्यक समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में डीएफओ सीविल एवं सोयम पवन सिंह, एसडीओ वन विभाग आयषा बिष्ट, उपजिलाधिकारी धुमाकोट रेखा आर्य, प्रशिक्षु पीसीएस कृष्णा त्रिपाठी, सीओ पुलिस तूषार बोरा सहित उपजिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित थे।
0 Comments