विश्व पर्यावरण दिवस को मतदाता जागरूकता से जोड़ते हुए जनपद में होगा पौधरोपणः सीडीओ
05 जून से 20 जुलाई के बीच जनपद स्तर पर होगा पौधरोपण
पौड़ी। विश्व पर्यावरण दिवस को मतदाता जागरूकता से जोड़ते हुए पौधरोपण अभियान आयोजित किये जाने को लेकर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत ने संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिये।
बुधवार को विकास भवन कक्ष में मतदाता जागरूकता बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जून-जुलाई माह में पौधरोपण हेतु क्षेत्रीय भौगोलिक परिस्थितियों एवं जलवायु के पौधे चिन्हित कर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बारिश की ‘‘हर एक बूंद एवं प्रत्येक वोट अमूल्य है’’ की थीम पर आगामी 05 जून से 20 जुलाई, 2025 तक होने जा रहे पौधरोपण अभियान में प्रति मतदेय स्थल 10 पौधे एवं जनपद स्तर पर कुल दस हजार पौधों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 25 जुलाई को भी वृहद स्तर पर पौध रोपण किया जायेगा। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी व जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन विभाग की नर्सरी से पौध उपलब्ध करते हुए इस अभियान को सफल बनाये। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां-जहां पौधरोपण किया जाना है, वहां अभी से गड्ढ़े बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि समस्त अधिकारी अपने-अपने कार्यालय, नजदीकी मतदेय स्थलों, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्र सहित अन्य स्थलों में पौधरोपण करें। मुख्य विकास अधिकारी संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि पौधरोपण के दौरान वहां उपस्थित लोगों को मतदान की शपथ भी दिलायें। उन्होंने यह भी कहा कि पौधरोपण करते समय जियो टैग फोटोग्राफ भी उपलब्ध करायें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, डीएफओ सिविल एवं सोयम पवन नेगी, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्तवाल, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी शांति लाल शाह, जिला परियोजना प्रबंधक ग्रामोत्थान कुलदीप बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पौड़ी जिले में प्रमाणिक आलू बीज उपलब्ध कराने वाला गांव बना जल्लू
पौड़ी/थलीसैंण। पौड़ी जिले के विकास खण्ड थलीसैंण का जल्लू गाँव अब प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने वाला पहला गाँव बन गया है। यहाँ के किसान पिछले दो साल से उद्यान विभाग को कुफरी प्रजाति के प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध करा रहे हैं। जिले में आलू बीज की माँग को देखते हुए आलू बीज उत्पादन कार्यक्रम को विस्तार देने की योजना बनायी जा रही है।
उत्तराखण्ड राज्य के अधिकांश भू-भाग के पहाड़ी होने के कारण यहां की जलवायु व मौसम आलू बीज उत्पादन के लिए अत्यन्त अनुकूल है। राज्य में उद्यान विभाग को प्रतिवर्ष लगभग 15-17 हजार क्विंटल प्रमाणित आलू बीज की आवश्यकता होती हैं, लेकिन उत्तराखण्ड में राजकीय उद्यानों तथा किसान संघों के माध्यम से लगभग 6-7 हजार क्विंटल आलू बीज ही उत्पादित होता है। जिस कारण उद्यान विभाग प्रतिवर्ष लगभग 8-9 हजार क्विंटल प्रमाणित आलू बीज हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश व हरियाणा आदि राज्यों से क्रय कर किसानों को उपलब्ध कराता है। उत्तराखण्ड में किसानों के माध्यम से बीज उत्पादन केवल जनपद पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तथा उधमसिंह नगर के काशीपुर में किया जाता रहा है।
पौड़ी गढ़वाल के आलू उत्पादन बहुल क्षेत्र थलीसैंण के किसान आलू का उचित मूल्य एवं बाजार न मिलने से परेशान थे। किसानों की इसी समस्या के समाधान के लिए वर्ष 2023 से एनआरएलएम, उद्यान, कृषि और ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से जल्लू गांव में आलू बीज उत्पादन का अभिनव प्रयास किया गया। जिसके तहत गांव में एनआरएलएम ने 51 किसानों को संगठित कर प्रेरणा उत्पादक फेडरेशन का गठन किया। इसके साथ ही बीज प्रमाणीकरण हेतु संबंधित फेडरेशन का जीएसटी पंजीकरण, बीज लाइसेंस तथा बीज प्रमाणीकरण एजेंसी में पंजीकरण कर बीज प्रमाणीकरण का कार्य करवाया गया।
पहले चरण में 3.72 हेक्टेयर भूमि पर 100 क्विंटल कुफरी ज्योति प्रजाति का आलू बोया गया। जिसमें 450 क्विंटल आलू का उत्पादन हुआ। ग्रेडिंग के बाद 235 क्विंटल आलू को बीज के लिए कोल्ड स्टोर में रखा गया। जबकि शेष आलू किसानों ने बेच दिया। फेडरेशन ने किसानों के घर-घर जाकर उनसे 25 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से आलू खरीदते हुए तत्काल नकद भुगतान किया। उद्यान विभाग ने फेडरेशन से 38 प्रति किलोग्राम की दर से यह बीज खरीदा। इससे फेडरेशन को तीन लाख 29 हजार रुपये का लाभ हुआ।
इसके बाद द्वितीय चरण में वर्ष 2024 में जल्लू गांव में 9.42 हेक्टेयर भूमि में 59 किसानों के साथ प्रमाणित आलू बीज उत्पादन का कार्यक्रम किया गया। इस चरण में लगभग एक हजार क्विंटल आलू का उत्पादन हुआ। फेडरेशन ने 280 क्विंटल आलू बीज किसानों से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा। फेडरेशन ने यह बीज उद्यान विभाग को 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच दिया। इस चरण में फेडरेशन को लगभग सवा चार लाख रुपये का लाभ हुआ। अब परियोजना के तृतीय चरण में आलू बीज उत्पादन हेतु 150 क्विंवटल आलू बीज बोया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत का कहना है कि जिले में ही प्रमाणिक आलू बीज उपलब्ध होना बड़ी उपलब्धि है। प्रयास है कि पौड़ी जिला आलू बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ ही अन्य जिलों को भी प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराये। इसके लिए योजना पर काम चल रहा है।
सूचना
पूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं के पुत्रों को सेना, अर्द्वसैनिक बलों व पुलिस बल में भर्ती पूर्व प्रशिक्षण 19 जून से 10 अगस्त तक
कर्नल भट्ट ने बताया कि प्रशिक्षण संख्या 99, आगामी *16 जून से 10 अगस्त, 2025* तक संचालित किया जाएगा। प्रशिक्षण हेतु इच्छुक अभ्यर्थी 13 जून 2025 तक अपने आवेदन पत्र भरकर जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय लैंसडौन अथवा सीधे जिला सैनिक कल्याण पुनर्वास कार्यालय देहरादून को भेज सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर *8439258647 अथवा 9410321614* पर संपर्क किया जा सकता है।
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