कोटद्वार में केन्द्रीय विद्यालय स्वीकृति का श्रेय को लेकर कांग्रेस भी मैदान में....!

 कोटद्वार में केन्द्रीय विद्यालय स्वीकृति का श्रेय को लेकर कांग्रेस भी मैदान में....!


केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति पर महानगर कांग्रेस कोटद्वार ने पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी जी का किया आभार 





कोटद्वार। कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति पर कुछ दिन पूर्व निजी बारातघर  में महानगर कांग्रेस कमेटी कोटद्वार द्वारा आयोजित  प्रेस वार्ता में पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी के  कोटद्वार में बेहतर शिक्षा प्रयासों के तहत 20 वर्षों पूर्व रखे गए विजन पर आभार व्यक्त किया गया।

प्रेम को जानकारी देते हुए कोटद्वार कांग्रेस द्वारा बताया कि जिस केन्द्रीय विद्यालय स्वीकृति का श्रेय वर्तमान भाजपाई लेने का दम भर रहे हैं उस केन्द्रीय विद्यालय की परिकल्पना पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने 20 वर्ष पूर्व ही रख दी थी। पूर्व मंत्री द्वारा वर्ष 2006 में  में ही कोटद्वार की जनता के लिए गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए द्वारा केंद्रीय विद्यालय का प्रस्ताव उस वक्त की केन्द्र सरकार को दिया था।

विधायक रहते हुए सुरेन्द्र सिंह नेगी  ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोतीलाल वोरा जी के साथ तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह  से मिलकर कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति की मांग की थी, जिस पर अर्जुन सिंह ने सहमति दी थी और औपचारिक प्रस्ताव (प्रपत्र)राज्य सरकार से भेजने को कहा था।

. जब 2007 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो  प्रस्ताव पर कार्रवाई में विराम लग गया । इसी बीच 2007 में उत्तराखंड में भी सत्ता परिवर्तन हुआ, तब मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार ने राज्य सरकार ( तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भुवन चंद्र खंडूरी जी) को पत्र भेजा कि वे केंद्रीय विद्यालय हेतु तमाम औपचारिकताएं ( प्रपत्र) केंद्र को भेजें, लेकिन कदाचित किन्हीं अपरिहार्य कारणों से यह प्रपत्र मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार तक नहीं पहुंचा। यह प्रस्ताव 2007 से 2012 तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।

2012 में पुनः कोटद्वार से विधायक चुने जाने के बाद  सुरेन्द्र सिंह नेगी ने केंद्रीय विद्यालय प्रस्ताव को पुनर्जीवित किया।उन्होंने पत्र लिखकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को अवगत कराया कि वर्ष 2006 में केंद्रीय विद्यालय, कोटद्वार के लिए सहमति दी गई थी परंतु अभी तक विद्यालय खुल नहीं पाया तो प्रतिउत्तर में केंद्रीय मंत्रालय ने नेगी जी को अवगत कराया कि 2007 में जो पत्र तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भुवन चंद्र खंडूरी जी (राज्य सरकार) को भेजा गया था उसमें केंद्रीय विद्यालय, कोटद्वार के लिए तमाम औपचारिकताओं के साथ प्रपत्र केंद्र को भेजने के लिए कहा गया परंतु उसका जवाब अभी तक मानव संसाधन मंत्रालय को नहीं मिला। तब  नेगी जी ने 2013-14 में  केंद्रीय विद्यालय,कोटद्वार के लिए तमाम औपचारिकताओं को पूर्ण कर, जिसमें की विद्यालय के लिए निशुल्क भूमि ( पश्चिमी झंडी चौड़ एवं कौडिया) दिए जाने का प्रस्ताव भी सम्मिलित था , केंद्रीय मंत्रालय को भेजा ,जिसमें की सभी औपचारिकता है सही पाई गई थी।

इसी बीच 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद कोटद्वार का यह प्रस्ताव फिर से राजनीतिक श्रेय लेने के उद्देश्य से राजनीति का शिकार हो गया।  2014 में भाजपा सरकार के केंद्र में सत्ता में आने के बाद से अनेक राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकारें थी वहां पेंडिंग पड़ी पुरानी केंद्रीय योजनाओं को देना बंद कर दिया। सवाल यह भी उठाया गया कि कि पूर्व में भाजपा शासन के दौरान क्या किसी भाजपा सरकार के नुमाइंदे ने इस संबंध में कोई प्रपत्र केंद्र को भेजा?  यदि भेजा हो तो उसे दिखाएं, ऐसा प्रतीत होता है कि शायद ही 2014 के बाद पूरे देश में कोई केंद्रीय विद्यालय खोला गया हो ।अब हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में 85 केंद्रीय विद्यालयों की स्वीकृति प्रदान की गई है ,वह सभी पुराने पेंडिंग बड़े प्रस्ताव के आधार पर की गई है । इन्हीं पेंडिंग पड़े प्रस्तावों में सबसे अधिक पुराने प्रस्ताव में से एक प्रस्ताव कोटद्वार केंद्रीय विद्यालय का भी था जिसे 2006 में ही पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने केंद्र से सहमति प्रदान करवाई थी इसलिए अब यह प्रस्ताव भी स्वीकृत हो पाया।

 यही नहीं नेगी पूर्व मंत्री नेगी द्वारा प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज, टाइगर सफारी, लालढांग-चिलरखाल मोटर मार्ग, कर्णाश्रम को पर्यटन केंद्र बनाने की योजनाएं भी सत्ता परिवर्तन के बाद अधर में लटक गई हैं, जिनके पूर्ण होने पर हजारों हजार बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलता। इन परियोजनाओं के कार्य प्रारंभ और वित्तीय स्वीकृति पहले ही मिल चुकी थी। अब प्रश्न है — क्या ये भी केंद्रीय विद्यालय की तरह वर्षों लटकी रहेंगी?

वर्तमान में राजकीय इंटर कॉलेज किशनपुरी में विद्यालय शुरू किया जा रहा है। जहां पर पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी  ने अपने कार्यकाल के दौरान 2 करोड़ 51 लाख रुपए स्वीकृत कराकर बच्चों के बेहतर शिक्षित भविष्य के लिए एक नवीन भवन बनवाया था, लेकिन राजनीतिक श्रेय लेने की मनसा से भाजपा द्वारा केंद्रीय विद्यालय को कक्षा 1 से 12 तक संचालित करने के लिए मानकों को दरकिनार कर राज्य सरकार की विद्यालय भूमि को ही राज्य शिक्षा पर कुठाराघात करते हुए विद्यालय खोलने की हड़बड़ी कर दी । जबकि केन्द्रीय विद्यालय की 1-12 तक कक्षाओं के संचालन के लिए 5 एकड़ भूमि अनिवार्य है। वर्तमान में सीबीएसई व केन्द्रीय विद्यालय मानकों के अनुसार 1-12 तक कक्षाएं संचालित करने के लिए भूमि सीमित है। संभवतया वर्तमान में से लेकर भविष्य में कोटद्वार में केन्द्रीय विद्यालय केवल कक्षा 1 से 5 तक ही पढ़ाई हो सकेगी।

अतः शासन से माँग की गई कि मानकों के अनुसार पूर्ण भूमि की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए, अन्यथा बच्चों का भविष्य कक्षा 5 के बाद अधर में लटक सकता है।

महानगर कांग्रेस कमेटी कोटद्वार ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि न केवल केंद्रीय विद्यालय को पूर्ण मानकों के अनुरूप भूमि दी जाए, बल्कि नेगी द्वारा प्रस्तावित अन्य विकास योजनाओं को भी तत्काल पुनः प्रारंभ किया जाए।


प्रेस वार्ता के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष  प्रवीन रावत,पूर्व राज्य मंत्री विजय नारायण, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील सेमवाल, यूथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय रावत, सेवादल महानगर अध्यक्ष  महावीर सिंह रावत, प्रदेश महासचिव बृजपाल सिंह नेगी ,प्रदेश सचिव  गणेश नेगी, कोषाध्यक्ष सुदर्शन रावत, कार्यालय सचिव  राजीव कपूर, महामंत्री  सुरेन्द्र सिंह नेगी, संरक्षक  देवेंद्र सिंह नेगी, पार्षद  सूरज प्रसाद कांति,  विमल नेगी, महामंत्री  मानशेर सिंह सैनी, संरक्षक  अनिल ।

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