मातृशक्ति को समर्पित समान नागरिक संहिता विल, देवभूमि ने देवियों के अधिकारों को किया सुरक्षित


 मातृशक्ति को समर्पित समान नागरिक संहिता विल, देवभूमि ने देवियों के अधिकारों को किया सुरक्षित

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण ने समान नागरिक संहिता को बताया महिला सम्मान के लिए ऐतिहासिक 

 समान नागरिक संहिता करेगा- "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के तहत उत्तराखंड के लिए मजबूत आधार स्तम्भ का कार्य-रेखा आर्या





देहरादून: मंगलवार को विधासभा सत्र के दूसरे दिन सदन में मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता को पेश किया।  विल पास होते ही कैबिनेट सदस्यों ने सभी सहयोगी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कोटद्वार विधायक और सूबे की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण ने विल को ऐतिहासिक बताते हुए इसे बंचित, शोषित और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं की जीत बताया। वहीं आजादी के बाद देवभूमि राज्य को समान नागरिक संहिता लागू वाला पहला राज्य व अग्रेरदूत बनने पर गौरवान्वित महसूस किया।

 इस अवसर पर राज्य की महिला सशक्तिकरण और खेल मंत्री रेखा आर्या ने भी मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।इसके तहत पुरुष और महिला नागरिकों को बराबर श्रेणी में रखा गया है।दोनों के अधिकार एक समान रखे गए हैं।साथ ही कुछ ऐसे अधिकार जिनके तहत महिलाओं के अधिकारों का हनन होता था वह भी सुरक्षित होंगे। जानकारी देते हुए बताया कि आज भी हमारे समाज मे बहु विवाह प्रथा, बाल विवाह, मौखिक तलाक सहित कई अन्य प्रथाएं प्रचलित हैं।कहीं ना कहीं समान नागरिक संहिता से अब सभी के हित सुरक्षित होंगे।समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन "एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के तहत उत्तराखंड के लिए मजबूत आधार स्तम्भ का कार्य करेगा।समान नागरिक संहिता से अब देवभूमि में देवियों के अधिकार सुरक्षित होंगे।


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