क्या गढ़वाल लोकसभा 2024 में मोदी के नाम पर या उम्मीदवारों की काबिलियत पर करेगी मतदान....?

 क्या गढ़वाल लोकसभा 2024 में मोदी के नाम पर या उम्मीदवारों की काबिलियत पर करेगी मतदान....?

  कोटद्वार गढ़वाल। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोकतांत्रिक तरीके से जनता को अपनी मनपसंद सरकार बनाने का अवसर मिलने जा रहा है। ऐसे में जनता-जनार्दन देश के हालातों पर, मोदी सरकार की कार्यशैली पर, विपक्ष की भूमिका पर, उम्मीदवारों की काबिलियत पर, राजनीतिक दलों की योग्यता को आधार बनाकर या फिर वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते समझते आंकलन कर सरकार बनाने या फिर अपने राज्यों, स्थानीय निकाय की समस्याओं को आधार बनाकर अपना उम्मीदवार चुनेगी यह तो आने वाले 4 जून 2024 को ही पता चलेगा। 

 लोक संवाद टुडे ने अपने संसाधनों के आधार पर गढ़वाल लोकसभा सीट पर जो आंकलन किया है वह प्रत्येक राजनीतिक दल के उम्मीदवार के राजनीतिक कार्यकाल, राजनीतिक कार्यशैली, राजनीतिक विजन, राजनीतिक पकड़, जनता के बीच कम्युनिकेशन और उत्तराखंड में राजनीतिक उपलब्धियों को आधार बनाकर एक रिपोर्ट बनाकर अपने पाठकों और दर्शकों को बताने का प्रयास किया है। यह रिपोर्ट लोक संवाद टुडे के निजी संस्थानों पर गढ़वाल लोकसभा का निजी सर्वेक्षण पर आधारित है। यहां पर संक्षिप्त में कुछ सर्वे आंकलन प्रस्तुत किए जा रहे हैं जिन पर पाठकों को स्वयं निर्णय लेना है कि लोक संवाद टुडे इसमें कितना सफल हुआ। प्रतिक्रिया अवश्य दें। 

 पहला सर्वेक्षण भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी का जनता बताए क्या बलूनी ने राज्य सभा सांसद के रूप में गढ़वाल में अपने विवेकाधीन कोष से कितने लोकहित के कार्य किए। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सांसद निधि से गोद लिए अपने मूल निवास को क्या सुविधाएं दी,राज्य के बेरोजगारों, महिला सुरक्षा पर अंकिता हत्याकांड पर क्या प्रतिक्रिया या कार्यवाही का प्रयास किया, उत्राखंड के किसानों की बहुचर्चित उद्यान घोटाले पर क्या कार्यवाही करवाई, उत्राखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर्स लीक पर क्या काम किया, उत्राखंड के पलायन पर कितना काम किया व उत्राखंड में बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए कितने रोजगार उद्योग स्थापित करवाने का प्रयास किए....?

  कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को भी उत्तराखंड में शासन करने और विपक्षी राजनीतिक दल के मुखिया के तौर पर कार्य करने का अवसर मिला। गोदियाल को भी उत्तराखंड की जनता को जबाब देना होगा कि सरकार में रहते हुए और विपक्षी की भूमिका के तौर पर वे जनता के बीच कितना मौजूद रहे...? उत्राखंड के आमजन मानस की पीड़ा को समझने के लिए अपने व अपने पार्टी के संघर्षों को जनता के बीच बताना होगा।

 अन्य राजनीतिक दलों जिनमें एक ब्यूरोक्रेसी से जुड़े पदाधिकारियों की उत्तराखंड समता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व अन्य राष्ट्रीय और निर्दलीय उम्मीदवारों से जनता पूछे कि क्या उनका उद्देश्य चुनावों के दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराने तक सीमित है या फिर अपना वोट प्रतिशत जांचना...?

 लोक संवाद टुडे आमजन व उत्राखंड गढ़वाल लोकसभा सीट के प्रत्येक वोटर से उम्मीद करता है कि अपने अमूल्य वोट को किसी लालच,दवाब व राजनीतिक दल के प्रभाव के वजाए अपने विवेक से गढ़वाल लोकसभा के हितों और हितैषी को ध्यान में रखकर ही करें जिससे बाद में आपको अपने निर्णय पर अफसोस न हो।

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