गढ़वाल लोकसभा सीट में शेर कौन.. ?

 गढ़वाल लोकसभा सीट में शेर कौन..?



 आयातित सेना के साथ अखाड़े में उतरने वाला या स्वयं के बलबूते वाला।
 स्वार्थी, भगोड़े कार्यकर्ताओं के झांसे में आने के बाद समर्पित चंद कार्यकर्ताओं के दम पर खूंटा गाड़ने वाला शेर कौन ...?

रिपोर्ट - पुष्कर सिंह पवार 

 गढ़वाल लोकसभा/कोटद्वार। वर्तमान लोकसभा का चुनाव के पहले चरण का घमासान चरम पर पहुंचने लगा है। एक तरफ संसाधनों से भरपूर राष्ट्रीय पार्टी जो अपने सुपर स्टारों को आयातित कर मिसाइल बनाकर अपनी ताकत दिखा रही है तो अन्य पार्टियां सीमित संसाधनों से ( क्योंकि ईडी ने सब झाड़ पोंछ लिया विपक्ष को ) अपना दमखम दिखा रही हैं।

  बात करते हैं गढ़वाल लोकसभा सीट की..! यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा के अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल के बीच में सिमटकर रह गया।

भाजपा के अनिल बलूनी कोटद्वार में पूर्व चुनाव हारने के बाद उत्राखंड की राजनीति में गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गए थे तो भाजपा ने बलूनी को राज्य सभा पहुंचा कर उत्तराखंड में काम काम करने का अवसर दिया परन्तु उत्राखंड की जनता को मालूम होगा ही कि जनाब राज्यसभा सांसद अपनी सांसद निधि और अपने निजी गांव को गोद लेने के बाद कितना विकास किए हैं....? यही नहीं अब लोकसभा चुनावों में स्वयं के बलबूते प्रचार प्रसार के लिए अन्य राज्यों से व केन्द्रीय मंत्रियों को आयातित कर पहाड़ की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। आपको याद होगा राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी के पूर्व लोकसभा चुनावों के समय की घोषणाओं का....? 

 अब आपको बताते हैं कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल के विषय में,यह वह प्रत्याशी हैं जो उत्राखंड में राजनीति करने से पूर्व पहाड़ियों को थलीसैंण विकास खंड में डेयरी के व्यवसाय के लिए प्रेरित किया, वहीं पैठाणी जैसे दुर्गम क्षेत्र में किसानों से बाजार मूल्य पर आलू खरीद कर पटोटो चिप्स की ईकाई स्थापित कर स्वावलंबी बनाने के बाद राजनीति में प्रवेश कर बेदाग राजनीति कर पहाड़ की जनता को पलायन की भयंकर त्रासदी से बचाने का काम करता है।

 उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा सीट के मतदाताओं से लोक संवाद टुडे अपील करता है कि अपने मताधिकार का उपयोग स्थानीय हितों के रक्षकों को चुनकर करना न कि स्थानीय समस्याओं को दरकिनार कर। वोट/मतदान अवश्य करना वरना आपको बाद में पछताना पड़ेगा कि हमारे मतदान न करने से हमने गलत प्रतिनिधि को विजयश्री दिलवा दी। जय उत्तराखंड,जय गढ़वाल,जय लोकतंत्र। 

  पुष्कर सिंह पवार 

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