कोटद्वार पुलिस महानिदेशक पुलिस के निर्देशों को भी ताक पर रखने से नहीं डरती

 कोटद्वार पुलिस  महानिदेशक पुलिस के निर्देशों को भी ताक पर रखने से नहीं डरती 

  महिनों से पुलिस महानिदेशक के निर्देशों को फाईल में दबाए बैठी 

सरकारी कर्मचारी की भूमि को अपने व पिता के नामराशि होने का उठाया फर्जी तरीके से फायदा 

 कोटद्वार । पुलिस और जनता का चोली-दामन का साथ होता है, चाहे वह अपराध और कानून व्यवस्था से जुड़ा हो या फिर शांति व्यवस्था ।






  उत्तराखंड में पुलिस मित्र पुलिस के नाम से जानी जाती है या कहें कि उत्तराखंड पुलिस का मुखौटा मित्र पुलिस का है।अब उत्तराखंड की आम जनता जनार्दन या पुलिस ही बता सकती है कि वह वास्तव में मित्र किसकी है....?
 उत्तराखंड में पौड़ी जिले के कोटद्वार कोतवाली अंतर्गत भाबर पुलिस चौकी क्षेत्रांतर्गत शिवराजपुर/नंदपुर,मोटाढांग में लगभग छः माह पूर्व हरीशचंद्र डबराल द्वारा पुलिस कोटद्वार कोतवाली में 2-8-2024 व  महानिदेशक उत्तराखंड को 12-8 -2024 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी पुस्तैनी भूमिधरी भूमि उनके नामराशि व उनके पिता के नाम समान होने का फायदा उठाकर कूटरचित षडयंत्र कर बेच दी है। पीड़ित सरकारी सेवा में व उनकी पत्नी बच्चे भी सरकारी सेवा में कोटद्वार से बाहर सरकारी सेवा में होने के कारण पता नहीं चल पाया पडौसियों व मित्रों द्वारा उन्हें जानकारी मिली। कोटद्वार पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर ही उनके द्वारा कोटद्वार पुलिस की मित्रता की शिकायत महानिदेशक उत्तराखंड पुलिस को दर्ज कराई थी परन्तु अभी तक महानिदेशक पुलिस द्वारा लिखित निर्देशों पर कोटद्वार पुलिस मित्रता तो निभा रही वह भी जिनके खिलाफ कार्रवाई होनी है।


  कोटद्वार में पुलिस की भू माफिया/दलालों से मित्रता के कई शिकायते एसपी से लेकर महानिदेशक तक चर्चे पहुंचते हैं। कई बार पुलिस मित्रता से आजिज कोर्ट की शरण में भी पहुंचते हैं परन्तु भारतीय न्यायपालिका के लचीलेपन के चलते मामला सालों-साल खिच जाता है, वहीं भूमिका व दलाल इसका फायदा उठाकर अपने पर दबाव बनते देख पुलिस मित्रता का लाभ उठाकर समझौते के लिए मित्रों का सहयोग लेकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करते हैं।
  ऐसा ही कुछ डबराल जी के साथ भी हो रहा है। लोक संवाद टुडे के संज्ञान में आया है कि दलाल और मित्र लोग येन-केन डबराल पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं व मामले को रफा-दफा कर पल्ला छुड़ाना चाहते हैं। अब देखना यह है कि मित्र पुलिस आरोपियों से मित्रता निभाएंगी या फिर पीड़ित से.....? 

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