हिमालयन मेडिकल कॉलेज के एमडी ने पहाड़ में व्यवसायिक शिक्षा की भी उठाई जिम्मेदारी

हिमालयन मेडिकल कॉलेज के एमडी ने पहाड़ में व्यवसायिक शिक्षा की भी उठाई जिम्मेदारी
  पहाड़ के नौनिहालों को पहाड़ में व्यवसायिक शिक्षा के लिए समर्पित स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी का गौरा देवी पालटेक्निक कालेज 



  उत्तराखंड का अधिकांश भौगोलिक क्षेत्र विषम और भीषण पहाड़ी क्षेत्र है,  आजादी व राज्य बनने के 22 साल बाद आज भी राज्य में अच्छी शिक्षा, व्यवसायिक व रोजगार परक शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क अन्य मूलभूत जरूरतों के लिए तरसना पड़ रहा है. कहने को तो राज्य उपरोक्त आवश्यकताएं सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं परन्तु गूणवत्ता में समझौता करने के कारण आज भी राज्य की स्थिति बद से बदतर है.

 उत्तराखंड के लोग शिक्षा के क्षेत्र में पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी डंका बजा रहे हैं परन्तु अधाकांश डंका बजाने वाले बाहरी राज्यों से अपनी प्रतिभा को निखार पाए. उत्तराखंड में अगर निजी विद्यालयों और निजी व्यवसायिक प्रतिषठानों ने राज्य सरकार प्रतिष्ठा बचाई हुई है.

  बर्तमान दौर में उत्तराखंड का पौड़ी जिले में तो बहुत ज्यादा बदतर स्थिति है. सूबे को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री, राज्य कैबिनेट नेतृत्व देने वाला और देश में सर्वोच्च पदों पर जिले के लोगों की भागीदारी के बावजूद पौड़ी जिले में शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार और सड़कों की बदहाली के कारण सबसे ज्यादा पलायन का श्राप भुगतना पड़ रहा है.

  जिले की इसी पीडा़ को समझते हुए पौड़ी जिले के दुधारखाल में तोली नामक गांव के महान संत स्वामी राम के सुपुत्र विजय धस्माना ने पहले छोटा सा चिकित्सालय जो कि हिमालयन मेडिकल कॉलेज के टेली मेडीसन से आधुनिक चिकित्सा से जोडा है, वही 2015-16 में विजय धस्माना ने स्वामी राम के ट्रस्ट के माध्यम से अपनी माता गौरा देवी के नाम पर आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित व अनुभवी व्यवसायिक शिक्षकों से पहाड़ के युवाओं के लिए पालटेक्निक कालेज की स्थापना की है. वर्तमान में कालेज में चार व्यवसायिक पाठ्यक्रमों से यूवाओं को भविष्य के व्यवसाई और रोजगार के लिए जोडा जा रहा है. विद्यालय के प्रधानाचार्य अरूण पांथरी ने बताया कि कालेज का उद्देश्य बहुत कम शुल्क में पहाड़ के टैलैंट को भविष्य के इंजिनियर और व्यवसायिक स्पेशलिस्ट के तौर पर तैयार करना है.




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