बर्खास्त प्रिसिंपल की बेटे संग मिलकर करतूत
दौलत देख और सुनकर हो जाएंगे हैरान
गबन के आरोप में हुआ था प्रधानाचार्य सस्पेंड
पूछताछ के दौरान आरोपी नरेश चंद ने बताया कि वह एसबीएस इंटर कॉलेज भरथना इटावा में प्रिंसिपल के पद पर तैनात था। तैनाती के दौरान वर्ष 2012 में छात्रों की छात्रवृत्ति गबन करने के आरोप में वह निलंबित कर दिया गया था। वर्ष 2017 में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। नरेश चंद ने खुलासा किया कि कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में पद से हटाए जाने के बाद उसने आपराधिक गतिविधियों का सहारा लिया। तब से वह अपने बेटे आर्यन के साथ ट्रेनों में चोरी-डकैती करने लगा। उन्होंने विशेष रूप से एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को निशाना बनाया।
चोरी करने का था अनोखा तरीका
बर्खास्त प्रिंसिपल यात्री बनकर पुत्र के साथ ट्रेनों में यात्रा करता था। मौका मिलते ही उनका सामान लेकर स्टेशन पर उतर जाता था। उच्च शिक्षित और रहन-सहन से लोग उस पर शक नहीं करते थे। वह सहयात्रियों को इंस्पेक्टर के रूप में अपना परिचय देता था। आरोपी ने बताया कि वो सुबह-सुबह एसी कोच में पहुंचता था। उस समय अधिकांश यात्री फ्रेश होने जाते हैं। ऐसे में वो उन यात्रियों का बैग और अन्य सामान चुराकर उतर जाता था। जब वो नौकरी से बर्खास्त हो गया तो उसने ट्रेनी में चोरी को अपना पेशा बना लिया।
लाखों की सम्पत्ति हुई बरामद
अधिकारियों ने कहा कि वे दो महीने पहले मरुधर एक्सप्रेस में एक विदेशी नागरिक के साथ चोरी की घटना में नाम सामने आने के बाद 52 वर्षीय नरेश चंद की तलाश कर रहे थे। उसके खिलाफ झांसी, इटावा और आगरा जिलों में छह आपराधिक मामले लंबित हैं। उसका वर्षीय बेटा आर्यन आगरा और फिरोजाबाद जिलों में दर्ज आठ आपराधिक मामलों में आरोपी है। दोनों के पास से 96.5 ग्राम सोने के आभूषण, 475 ग्राम चांदी के बर्तन, दो लैपटॉप, 112 ट्रॉली बैग और पर्स, ब्रांडेड कपड़े समेत 12 लाख का सामान बरामद किया गया।
जीआरपी आगरा किला थाना प्रभारी यादराम सिंह ने कहा, दोनों आरोपी ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए चोरी का सामान बेचते थे। चोरी का सामान वह लोग अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर सस्ते दामों में बेचते थे। चोरी के अलावा नरेश के खिलाफ आगरा में रंगदारी के दो मामले भी दर्ज हैं।
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