"आ बैल मुझे मार" आईएएस का एएसआई को दंबगई दिखाना पडा मंहगा

 "आ बैल मुझे मार" आईएएस का एएसआई को दंबगई दिखाना पडा मंहगा 
 " चोर की दाड़ी में तिनका " आईएएस निकला.....? 


 " आ बैल मुझे मार" की कहावत वाली एक आईएएस को तब मंहगी पड़ गई जब अफसरी दंबगई दिखाने के एवज में महाशय पुलिस के एक एएसआई से उलझ पडे. अफसर की दंबगई से नाखुश होकर एएसआई ने भी आईएएस की जन्मकुंडली खंगाल डाली. फिर उसके बाद क्या हुवा... पूरी खबर को पढ़ें.

  आगामी गणतंत्र दिवस को  देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए पूरी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. इसके लिए लगातार बदमाशों और असामाजिक तत्वों की संदेहास्पद गतिविधियों की जांच की जा रही है. इसी कड़ी में नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के शास्त्री पार्क थाने की पुलिस टीम ने लाल बत्ती लगी गाड़ी से घूम रहे एक फर्जी IAS अधिकारी को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, जिसकी पहचान मनोज कुमार गुप्ता के रूप में हुई है. आरोपी शख्स शहादरा के गंगा विहार का रहने वाला है और DMRC में बतौर हेड मेंटेनर कार्यरत है.

पब्लिक द्वारा नोटिस किए जाने के बाद हुई गिरफ्तारी 

डीसीपी संजय कुमार सेन ने बताया कि 05 जनवरी की शाम शास्त्री पार्क के फल मार्केट के पास से किसी ने पास ही मौजूद ट्रैफिक पुलिस के एएसआई धर्मेंद्र कुमार को एक संदिग्ध टाटा टिगोर गाड़ी के बारे में जानकारी दी, जिसका चालक संदिग्ध लग रहा था, साथ ही उसकी गाड़ी पर लाल बत्ती लगी हुई थी. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए एएसआई धर्मेंद्र ने गाड़ी का पता लगा कर उसे रोका और गाड़ी चला रहे शख्स से लाल बत्ती लगाए जाने के लिए अपनी पहचान बताने के लिए कहा, लेकिन गाड़ी चला रहा शख्स कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और एएसआई से बहस करने लगा. जिस पर एएसआई मनोज ने तुरंत ही मामले की जानकारी शास्त्री पार्क थाने के एसएचओ को दी जो इलाक़े में ही पेट्रोलिंग कर रहे थे. जानकारी मिलते ही पुलिस टीम के साथ वो भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने भी गाड़ी चला रहे शख्स से उसकी पहचान के बारे में पूछा, लेकिन वो पहचान बताने के बदले लगातार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था.

गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने की अनुमति पर प्रश्नचिन्ह

गाड़ी के औपचारिक परीक्षण में आगे बोनट पर ‘भारत सरकार’ और पीछे ‘मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड एनर्जी’ लिखा पाया गया, जबकि आगे की विंड शील्ड पर दाहिनी तरफ एडवोकेट के लोगो वाला स्टिकर लगा पाया गया जिससे पुलिस को इसके संदिग्ध होने का विश्वास हो गया. लाल बत्ती लगाए जाने की अनुमति के बारे में पूछे जाने पर उसने गुस्से में धमकाते हुए खुद का परिचय संजीव कुमार, IAS ऑफिसर के रूप में दिया और बताया कि वो मिनिस्ट्री ऑफ पावर एंड एनर्जी में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर स्थापित है और वो लाल बत्ती लगी गाड़ी इस्तेमाल करने के लिए भी अधिकृत है.

पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस से खुला भेद

शक के आधार पर पुलिस ने गाड़ी के ओनरशिप डिटेल की जांच की तो पता चला कि गाड़ी किसीस मनोज कुमार गुप्ता के नाम पर रजिस्टर्ड है. ड्राइविंग लाइसेंस की जांच में भी नाम और पते को एक ही पाया गया. मामला संदिग्ध लगने पर जब पुलिस ने उसकी तलाशई ली तो उसके पास से DMRC के हेड मेंटेनर का पहचान पत्र बरामद हुआ, जिसे जब्त कर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

दिखावे और रोब जमाने करता था लाल बत्ती लगी गाड़ी का इस्तेमाल

पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकारते हुए कहा कि वो अपने निजी फायदे और लोगों के बीच दिखावे के साथ रोब जमाने के लिए लाल बत्ती का इस्तेमाल करता था. इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.

   आने वाले गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा और खतरे के मद्देनजर लाल बत्ती लगी गाड़ी से दुरुपयोग की संभावनाओं को देखते हुए इस मामले की जानकारी इंटेलिजेंस एजेंसी और स्पेशल सेल को भी दी गयी जिसके बाद अलग-अलग एजेंसियां उससे संयुक्त पूछताछ में जुट गई हैं.

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