कोटद्वार महाविद्यालय में कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला

 

कोटद्वार महाविद्यालय में कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला 

रिपोर्ट -पुष्कर सिंह पवार 

  कोटद्वार । डॉ. पी. डी. हिमालयन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार के करियर काउंसलिंग कमिटी सेल एवं आई एच एम एस के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार दिनांक को कार्यशाला का आयोजन किया गया।  कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. जानकी पवार के नेतृत्व में की गई।  कार्यशाला में कोटद्वार के आईएचएमएस इंस्टीट्यूशन के शिक्षक डॉ. विजयश्री खुगशाल ,डॉ. सुरेंद्र जगवान , डॉ. विजय पंत  तथा जनसंपर्क अधिकारी , नरेश थपलियाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम की संयोजक डॉ. ऋचा जैन ने सभी सम्मानित सदस्यों का बैज अलंकरण कर उनका स्वागत किया। कार्यशाला का संचालन संयोजक डॉ. वंदना चौहान ने किया।

डॉ. सुरेंद्र जगवान ने अपने संबोधन में  छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि जॉब  के लिए प्लानिंग आवश्यक है अभ्यर्थियों को चाहिए कि संभावनाओं को निरंतर खोजते रहने का मूल मंत्र दिया।मैनेजमेंट कार्य के लिए कितना आवश्यक है इसकी जरूरत बताते हुए जानकारी दी कि अभ्यर्थी में एच आर ऑपरेशन हो, सुपरवाइजिंग हो, अकाउंट हो सर्विस हो सभी के लिए मैनेजमेंट की जानकारी होना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने एम बी ए तथा कैट की परीक्षा की तैयारी के लिए भी बच्चों को प्रेरित किया।

डॉ. विजयश्री खुगशाल  ने कंप्यूटर साइंस से संबंधित तथा टेक्नोलॉजी के बारे में बच्चों को बताया उन्होंने कहा कि कोटद्वार के आसपास के क्षेत्र के छात्राओं के लिए आईएचएमएस ने प्रोफेशनल कोर्सेज शुरू किए हैं। आज टेक्नोलॉजी का ज्ञान आवश्यक है जिसकी जानकारी के बिना नौकरी मिलना संभव नहीं है कंप्यूटर कोर्स करने के बाद नौकरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। AI के बारे में छात्रों ने उनसे प्रश्न पूछे वैल्यू एडिट कोर्सेज की जानकारी के पश्चात उन्होंने छात्रों को यह भी समझाया कि AI जानने के पश्चात जॉब मिलने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

डॉ. विजय पंत  ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि 2006 से प्रारंभ हुई आईएचएमएस के अंतर्गत आने वाले कोर्सेज जो U TU,SDS,HNB, आदि से एफिलेटेड हैं बताया साथ ही उन्होंने छात्रों को स्कॉलरशिप के बारे में भी बताया इसके अलावा छात्र इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर सर्च करके भी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

 जनसंपर्क अधिकारी नरेश थपलियाल  ने छात्रों को समय की मांग के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने की सलाह दी, आज समय टेक्नोलॉजी का है अब लोग अखबार के स्थान पर ऑनलाइन न्यूज़ पढ़ना चाहते हैं तो जिज्ञासा आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है ऐसा कहकर उन्होंने छात्रों को डिजिटल वर्ल्ड की ओर जाने के लिए प्रेरित किया।

अंत में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर जानकी पवार ने छात्रों को प्रोफेशनल कोर्सेज करने के लिए प्रेरित किया जिससे उन्हें आगे नौकरी करने और ढूंढने में आसानी हो साथ ही साथ उन्होंने छात्रों को अपनी यह जानकारी अपने और साथियों के साथ साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया क्योंकि खोजी प्रवृत्ति ही मनुष्य को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इस अवसर पर डॉ. रमेश चौहान, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. संदीप,डॉ. संतोष कुमार गुप्ता, डॉ. प्रियम अग्रवाल, सोमेश ढौंडियाल, राकेश, सुनील, राजेंद्र आदि उपस्थित रहे। 


मूल निवास को लेकर 18 तारीख को निकलेगी कोटद्वार में महारैली 


  कोटद्वार। मूल निवास  को लेकर मूल निवास संघर्ष समिति के सदस्यों ने कोटद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कांफ्रेंस की अध्यक्षता पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष महेंद्र पाल सिंह रावत ने की। उन्होंने बताया कि गढ़वालियों ने देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित किया है, भारत के सभी नागरिक एक हैं, मगर भारत के नागरिकों को उनके उनके प्रदेशों में विशिष्ठ अधिकार भी प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में हमारा मूल निवास वर्ष 1950 के आधार पर बनता था । उत्तराखण्ड बनने के बाद मूल निवास में धीरे धीरे बदलाव कर इसे समाप्त कर दिया गया, मगर हमारे हितों की लड़ाई लड़ने वाले हमारे ही नेताओं ने इसकी खिलाफत नहीं की। इसलिए आज हमें अपने ही राज्य से पलायन करने पर विवश होना पड़ रहा है। इसलिए मूल निवास 1950 हमारी अस्मिता बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। इस अवसर पर पूर्व सैनिक अनुसूया प्रसाद सेमवाल ने कहा कि हमने भारत माता की सेवा की है और हम अपनी अगली पीढ़ी को मझधार में नहीं छोड़ सकते, उनका वाजिब हक उनको मिलना चाहिए।

एडवोकेट अनिल खंतवाल ने कहा कि जैसे हमने राज्य आंदोलन की लड़ाई लड़ी वैसे ही अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी जाएगी।

प्रेस कांफ्रेंस को मोहित डिमरी, राम कंडवाल, दीपक काला, परमेंदर रावत आदि ने भी संबोधित किया।

रविवार 18 फरवरी को कोटद्वार में मूल निवास 1950 को लेकर सुबह दस बजे रैली देवी मंदिर से मालवीय उद्यान तक निकलेगी।

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