मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने जिलाधिकारी की वन-विभाग व राजस्व विभाग के साथ बैठक


मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने जिलाधिकारी की वन-विभाग व राजस्व विभाग के साथ बैठक


 पौ़डी़।  जनपद में मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकने को लेकर जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में तहसील व विकासखण्ड स्तर पर वन-विभाग व राजस्व विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा  बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से तेंदुए की बसावटों के आस-पास बढ़ती उपस्थिति एवं इससे उत्पन्न खतरों के निराकरण पर विचार विमर्श किया गया।

बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति की सूचना मिलने पर वन विभाग तत्परता से कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कार्मिक नियमित गश्त करने और स्थानीय जनता को सतर्क करने के लिए जागरुकता अभियान भी चलायें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केवल मुनादी और गश्त से ही समाधान नहीं निकलेगा, बल्कि आम जनमानस को मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति में अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग एवं तहसील प्रशासन की उपस्थिति बनी रहे।

बैठक के दौरान उपजिलाधिकारी श्रीनगर ने जानकारी दी कि हाल के दिनों में श्रीनगर, देवलगढ़ और ग्वाड़गड़ी क्षेत्रों में तेंदुए की उपस्थिति की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, जिन्हें वन विभाग को तत्काल प्रेषित किया गया। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को सतर्क रहने तथा स्थानीय लोगों से समन्वय स्थापित कर त्वरित प्रतिक्रिया की रणनीति अपनाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि वन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों/विकासखण्डों के बीच बेहतर तालमेल बनाकर ही मानव जीवन और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, खंड विकास अधिकारीगण एवं विभिन्न उपजिलाधिकारी वर्चुअली उपस्थित रहे।


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