पौड़ी गढ़वाल कोटद्वार के दो समाजसेवियों ने दिल्ली में समाजसेवा समाजसेवा परचम
राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में एवं करनाल कार्यक्रम में पौड़ी जनपद कोटद्वार के लिए गर्व के पल
दिल्ली/कोटद्वार। सजग समाजसेवा के क्षेत्रों से जुड़े समाजसेवियों को इंटीग्रेटेड फॉर्म ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट (निफा) के रजत जयंती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर ,और जिला स्तर के यंग कम्युनिटी चैंपियन अवॉर्ड भेंट किए। भारत मंडपम में मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशन स्पीकर और लेखक शिव खेड़ा, मॉरिशस के राष्ट्रपति के प्रतिनिधि और जैपनीज एम्बेडर के सानिध्य में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याणा थे। विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय महापौर परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेणु बाला जी द्वारा यंग चैंपियन अवॉर्डी समाजसेवकों को सम्मानित किया गया। सम्मानित समाजसेवकों को वर्ल्ड बुक्स ऑफ एक्सीलेंस इंग्लैंड के प्रतिनिधि द्वारा अवॉर्ड एवं प्रमाण पत्र भेंट किए गए। Nifaa के संस्थापक अध्यक्ष प्रित पाल पन्नू द्वारा पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार निवासी शिवम नेगी एवं याशिका ज़ख्वाल को उनके सामाजिक हितों के कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया।
समाजसेवा की नई मिसाल गढ़ने वाले दो नाम, आधारशिला रक्तदान समूह कोटद्वार एवं ग्रीन आर्मी देवभूमि उत्तराखंड के स्वयंसेवक शिवम नेगी एवं याशिका जख्वाल ने अपने कार्य से पूरे कोटद्वार व जिले का मान बढ़ाया। पर्यावरण संरक्षण ,रक्तदान ,खेल गतिविधि शैक्षिक नवाचार, जनजागरूकता, स्वच्छता कार्यक्रम, पशु रेस्क्यू निराश्रित लोगों की सहायता करना ,क्षेत्र में निरंतर सेवा वाले युवा समाजसेवियों शिवम नेगी एवं याशिका जख्वाल को यंग कम्युनिटी चैंपियन अवॉर्ड से नवाजा गया, साथ ही उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस इंग्लैंड के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया।
दोनों संस्थाएं मानती हैं पर्यावरण एवं सामाजिक हितों के कार्यों को निस्वार्थ भाव से करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समाज को नितांत आवश्यकता है ,चाहे वह प्रकृति से जुड़े कार्य हो या अन्य किसी भी प्रकार की सामाजिक गतिविधियां , जिसका असर प्रत्यक्ष रूप से समाज के प्रत्येक व्यक्ति पर पड़ता है, रक्तदान करना और प्रेरित उनमें से एक समाजसेवा का ही अभिन्न हिस्सा है । रक्तदान केवल जीवनदान नहीं, बल्कि मानवता का सबसे बड़ा धर्म है। यही विश्वास उन्हें दिन-रात समाज के बीच सक्रिय रखता है। बाकी सम्मानित समाजसेवी स्वयंसेवकों का कहना था कि यह उपलब्धि व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उन सभी सहयोगियों की निष्ठा का परिणाम है, जो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा-पथ पर चलते हैं। कोटद्वार एवं पर्वतीय आंचल से लेकर दिल्ली के भारत मंडपम तक गूंजा यह संदेश बताता है कि देवभूमि संस्कृति की मानवता परोपकार के कार्यों के लिए जानी जाती है ।
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