भालू द्वारा किए जा रहे शिकार पर वन विभाग की खामोशी, ग्रामीणों की जान पर भारी

 भालू द्वारा किए जा रहे शिकार पर वन विभाग की खामोशी, ग्रामीणों की जान पर भारी 

 10 साल के बालक को किया गंभीर घायल 




थलीसैंण। पौड़ी जिले के कोट व थलीसैंण विकास खंडों में जंगली भालू इन दिनों पालतू पशुओं को तो निशाना बना ही रहा है विगत शुक्रवार को अब हिंसक हाल द्वारा मासूम बालक को बुरी तरह से घायल कर दिया। वहीं कुचौली गांव के पूर्व ग्राम प्रधान की गौशाला में घुसकर गाय को मार डाला।
 लोक संवाद टुडे लगातार पौड़ी जिले में हिंसक भालू द्वारा किए जा रहे पशुओं के शिकार की घटनाओं को प्रकाशित करता आ रहा वहीं हिंसक भालू के शिकार ग्रामीणों व उनके ग्राम प्रधानों सहित स्थानीय समाजसेवियों द्वारा भी जिलाधिकारी पौड़ी, डीएफओ पौड़ी व स्थानीय रेंजर को भी लिखित सूचना से अवगत कराया है लेकिन न ही वन विभाग द्वारा न ही जिलाधिकारी द्वारा भालू का आतंक झेल रहे ग्रामीणों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोई कदम उठाया है। शायद वनविभाग व जिम्मेदार प्रशासन को मानव जनहानि का इंतजार था वह कल भालू द्वारा कर दिया गया।अगर किसी ग्रामीण या ग्राम सभा में ग्रामीणों द्वारा भालू को मार दिया होता तो आनन-फानन में ग्रामीण या ग्रामीणों पर 24 घंटों के भीतर कार्यवाही कर दी जाती।
 शुक्रवार को ग्राम पैतोली ( डुंग्री ) में आनंद लाल के दस वर्षीय बेटे को भालू द्वारा बुरी तरह घायल कर दिया जबकि बालक अपने पिता के साथ ही सो रहा था। परिजनों ने बढ़ी मशक्कत और शोर-शराबा करने के बाद बच्चे को भालू के चंगुल से मुक्त किया।
 वहीं दूसरी घटना थलीसैंण ब्लाक के ग्राम कुचौली में घटित हुई जहां भालू द्वारा पूर्व ग्राम प्रधान श्याम सिंह की गौशाला में घुसकर उनकी दुधारू गाय को मार डाला। 


  उपरोक्त घटनाओं से साफ पता चल रहा है कि वन विभाग और जिला प्रशासन कितना तत्परता से कार्रवाई कर रहा है। शायद जिला प्रशासन ग्रामीणों के सब्र का इम्तहान ले रहा है अगर ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया तो यही प्रशासन, वनविभाग अपने वन्यजीव प्रेमियों के साथ पूरे देश में हो हल्ला मचाकर ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर देगा। इसलिए वनविभाग, जिला प्रशासन शीघ्र से शीघ्र अपने वन्यजीव प्रेमियों को लेकर गांव पहुंचे और ग्रामीणों और उसके पालतू पशुओं को संरक्षण दे।
  पुष्कर सिंह पवार "पदम"

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