खबर का असर
हिंसक भालू के आतंक पर काबू पाने के लिए प्रशासन और वन विभाग का संयुक्त अभियान
ड्रोन और ट्रैप कैमरों से हो रही निगरानी, ट्रेंकुलाइज स्नाइपर भी मौके पर तैनात
अंतिम विकल्प में हिंसक भालू को मारने की अनुमति भी मिली
पिछले 20-25 दिनों से लोक संवाद टुडे द्वारा थलीसैंण विकास खंड में हिंसक भालू के आतंक की खबरें लगातार प्रकाशित की व शनिवार को दहशतगर्द ग्रामीणों के धैर्य टूटने की खबर प्रकाशित की।जिसका परिणाम शनिवार शांत से ही ग्रामीणों को देखते को मिल गया।
थलीसैंण। जनपद पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण विकास खंड पैठाणी रेंज में जंगली भालू के हमलों से पिछले दिनों में लगभग 17 मवेशी मारे जाने के बाद व एक 10 वर्षीय बालक के घायल होने के बाद आखिरकार प्रशासन और वनविभाग हरकत में आया। पिछले 20-25 दिनों से कुचौली, कुडील, कठयूड़ और सौंठ समेत आसपास के गांवों में दहशत का माहौल था। ग्रामीण रात-दिन चौकस और जागकर अपने पालतू पशुओं और स्वयं की रखवाली कर रहे थे।
ग्रामीणों की लिखित शिकायत और मीडिया में वनविभाग व प्रशासन की लापरवाही से दहशत में आए ग्रामीणों का धैर्य बिखरता जान जिला प्रशासन द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से बड़ा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। डीएफओ सिविल पवन नेगी के नेतृत्व में 17 विशेषज्ञों की चार टीमें मौके पर उतारी गयी हैं। इनमें दो डॉक्टर, दो ट्रेंकुलाइज स्नाइपर और अनुभवी वन्यजीव विशेषज्ञ शामिल हैं। एसडीओ आयशा बिष्ट ने बताया कि भालू की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए एक ड्रोन कैमरा और दस ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही पिंजरे, जाल और कई स्थानों पर मचान भी तैयार किए गए हैं। विभाग लगभग 600 गौशालाओं की निगरानी भी कर रहा है। साथ ही चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन द्वारा अंतिम विकल्प के रूप में भालू को नष्ट करने की भी अनुमति प्रदान कर दी गयी है। शनिवार की रात सभी टीमें चार अलग-अलग गांवों में जाकर ग्रामीणों के साथ रहकर भालू की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करती रहीं।
डीएफओ पवन नेगी ने कहा कि भालू की लोकेशन स्पष्ट होते ही अभियान और तेज़ होगा तथा आवश्यकता पड़ने पर और प्रोफेशनल शूटरों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रैकिंग और मैपिंग का कार्य तेज़ी से चल रहा है और जल्द ही ग्रामीणों को इस आतंक से राहत दिलायी जाएगी। इस मिशन में स्थानीय युवाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों का पूरा लाभ मिल रहा है।
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