रिखड़ीखाल के देवियोंखेत क्षेत्र में गुलदार की दस्तक से दहशत

 रिखड़ीखाल के देवियोंखेत क्षेत्र में गुलदार की दस्तक से दहशत 

देखें विडियो फुटेज व पढें पटवारी रिपोर्ट 
 रिपोर्ट -पुष्कर सिंह पवार 
रिखड़ीखाल। उत्तराखंड में पहाड़ और गुलदार का लगता है चोली दामन का साथ बन गया है। पहाड़ के अधिकांश गांवों में लगातार बढ़ते जंगली गुलदार और आदमखोर गुलदारों की दस्तक से पहाड़ के लोगों का जीवन दहशत में बीत रहा है। कड़े वन कानूनों के चलते पहाड़ी जनमानस अपने को व अपने परिवार के बच्चों को बचाने में असमर्थ हो रहा है।
  वन विभाग भी अन्तर्राष्ट्रीय व केन्द्रीय वन कानूनों की जटिल प्रक्रिया के चलते पहाड़ के बचे हुए लोगों को बचाने में बेबस है। गुलदार से पीड़ित स्थानीय लोगों की शिकायत के वन विभाग अपने आदमखोर वन्यजीवों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने तक जिम्मेदार है भले ही उसमें आदमखोर गुलदार या अन्य वन्य जीव फंसे या न फंसे.....!


  वहीं जब वन्यजीव जब पहाड़ में निवास कर रहे लोगों/बच्चों को निवाला बनाने लगता है तो पीड़ित पहाड़ निवासियों के बढ़ते आक्रोश के बाद वन विभाग स्थानीय क्षेत्रीय पटवारी को रिपोर्ट भेजेगा फिर पटवारी की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी को फिर जिलाधिकारी को और उसके बाद जिलाधिकारी भी राज्य सरकार और केन्द्रीय  वन्यजीव ऐजेन्सियों की अनुमति के बाद ही आदमखोर गुलदारों को मारने का आदेश देते हुए नजर आएंगे।
लम्बी और जटिल वन प्रक्रिया के बीच पहाड़ी गांवों में गुलदार व अन्य आदमखोर पशु कई बच्चों, बूढ़ों व महिलाओं को अपना निवाला बना चुका होता है। ऐसा ही बहुत कुछ मामले पिछले कई महीनों से पौड़ी जिले सहित पहाड़ के गांवों में देखने को मिल रहे हैं।


  ऐसा ही दहशत से भरपूर मामला मंगलवार को रिखड़ीखाल विकास खंड के देवियोंखेत कस्बे के बाजार में सुबह के 6:30 बजे प्रातः सोहन सिंह पुत्र उदय सिंह के मकान की छत पर चहलकदमी कर रहे गुलदार की वीडियो फुटेज से क्षेत्र में दहशत फैल गई। ग्रामीणों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया, स्कूली बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया व स्थानीय कामकाजी महिला पुरुष अपने कामकाज से वंचित हो गए। क्षेत्रीय पटवारी ज्योति मझेडा़ द्वारा जिलाधिकारी को स्पेशल रिपोर्ट भेजकर स्थानीय लोगों की समस्या समाधान के यथाशीघ्र कार्यवाही आदेश जारी करने के लिए पत्र लिखा है 
   देंखें वीडियो फुटेज - 
   

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