कोटद्वार, पौड़ी और थलीसैंण में पीएम आवास की योजना की धीमी प्रगति पर डीएम नाराज
15 दिसंबर से पूर्व आवासों का निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश
पौड़ी - जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की समीक्षा करते हुए नगर निगम कोटद्वार, नगर पालिका पौड़ी और नगर पंचायत थलीसैंण की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए चेतावनी जारी की है। उन्होंने सभी नगर निकायों को 15 दिसंबर से पूर्व आवासों का निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिए। काम की संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर उन्होंने नगर निगम कोटद्वार के सिटी मिशन मैनेजर (सीएमएम) पीएम आवास योजना का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
बुधवार को जिला कार्यालय स्थित सभागार में जिलाधिकारी डॉ. चौहान ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत निर्माणाधीन आवासों की निर्माण प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर बताया गया कि पौड़ी जिले में उक्त योजना में 934 आवासों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है और 346 आवास जियोटैग नहीं हुए हैं। नगर निगम कोटद्वार, नगर पालिका पौड़ी और नगर पंचायत थलीसैंण की कार्य प्रगति काफी धीमी है। कोटद्वार में 849 आवास, पौड़ी में 69, थलीसैंण में 15 और श्रीनगर में 01 आवासों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।
जिलाधिकारी ने संबंधित निकायों के अधिकारियों से कार्य शुरू नहीं होने का कारण पूछा। कोटद्वार के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जिलाधिकारी ने सिटी मिशन मैनेजर पीएम आवास योजना का वेतन रोकने के निर्देश दिए। पौड़ी के अधिशासी अधिकारी एसके जोशी ने बताया कि लगभग 35 लाभार्थियों को भवन निर्माण शुरू नहीं कराने पर नोटिस भेजे गए हैं। कुछ ने जवाब नहीं भेजे हैं और कुछ ने अवगत कराया है कि वह इच्छुक नहीं हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो लाभार्थी काम नहीं करवाना चाहते उनकी स्वीकृति निरस्त की जाए। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को योजना की पुनः समीक्षा की जाएगी। इससे पूर्व सभी नगर निकाय भवनों का जियोटैग और निर्माण कार्य शुरू करवा दें।
बैठक में नगर निगम कोटद्वार के सहायक नगर आयुक्त कोटद्वार शेखर शर्मा, सहायक नगर आयुक्त श्रीनगर गायत्री, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी एसके जोशी, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत थलीसैंण दीपक प्रताप, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सतपुली पूनम और प्रधानमंत्री आवास योजना के समन्वयक सुशील आदि मौजूद थे।
‘अपर जिलाधिकारी, एसडीएम और आरटीओ की संयुक्त समिति, नेपाली नागरिकों द्वारा आधार कार्ड का दुरुपयोग कर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की जांच करेगी।‘‘
जिला स्तरीय राजस्व संवर्द्धन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में लिया निर्णय
जिलाधिकारी ने संबंधित निकायों के अधिकारियों से कार्य शुरू नहीं होने का कारण पूछा। कोटद्वार के संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जिलाधिकारी ने सिटी मिशन मैनेजर पीएम आवास योजना का वेतन रोकने के निर्देश दिए। पौड़ी के अधिशासी अधिकारी एसके जोशी ने बताया कि लगभग 35 लाभार्थियों को भवन निर्माण शुरू नहीं कराने पर नोटिस भेजे गए हैं। कुछ ने जवाब नहीं भेजे हैं और कुछ ने अवगत कराया है कि वह इच्छुक नहीं हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जो लाभार्थी काम नहीं करवाना चाहते उनकी स्वीकृति निरस्त की जाए। उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर को योजना की पुनः समीक्षा की जाएगी। इससे पूर्व सभी नगर निकाय भवनों का जियोटैग और निर्माण कार्य शुरू करवा दें।
बैठक में नगर निगम कोटद्वार के सहायक नगर आयुक्त कोटद्वार शेखर शर्मा, सहायक नगर आयुक्त श्रीनगर गायत्री, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका पौड़ी एसके जोशी, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत थलीसैंण दीपक प्रताप, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सतपुली पूनम और प्रधानमंत्री आवास योजना के समन्वयक सुशील आदि मौजूद थे।
‘अपर जिलाधिकारी, एसडीएम और आरटीओ की संयुक्त समिति, नेपाली नागरिकों द्वारा आधार कार्ड का दुरुपयोग कर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की जांच करेगी।‘‘
जिला स्तरीय राजस्व संवर्द्धन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में लिया निर्णय
जिलाधिकारी ने अवैध खनन, राजस्व वसूली और संसाधन वृद्धि के कार्यों की समीक्षा
पौड़ी, 27 नवंबर 2024ः जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय राजस्व संवर्द्धन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक जिला कार्यालय स्थित एन.आई.सी. कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में राजस्व, खनन, परिवहन, आबकारी, जीएसटी, विद्युत, जिला विकास प्राधिकरण, सिंचाई, वन और पर्यटन सहित संबंधित विभागों की राजस्व वसूली और संसाधन वृद्धि के कार्यों की समीक्षा की गई।
मंगलवार देर शाय आयोजित बैठक में जिलाधिकारी डॉ0 चौहान ने कहा कि अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एसडीएम और आरटीओ की एक समिति गठित की जाएगी, जो नेपाली नागरिकों द्वारा आधार कार्ड का दुरुपयोग कर ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की जांच करेगी। जिससे अवैध रूप से वाहन चला रहे नेपाली वाहन चालकों की पहचान कर उनके खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने परिवहन विभाग को जनपद में बंद पड़े और पुराने वाहनों को चलन से हटाने, दोपहिया वाहनों पर ट्रिपल राइडिंग, बिना हेलमेट और बिना नंबर प्लेट के वाहनों, ड्रिंक एंड ड्राइप करने वालों पर सख्ती से चालान के निर्देश दिये। कहा कि सार्वजनिक व वाणिज्यिक वाहनों की गहनता से जांच की जाए। परिवहन विभाग द्वारा प्रवर्तन कार्य में माह अक्टूबर में कुल 1298 वाहनों के चालान किए गए जिससे 20.66 लाख की राजस्व वसूली की गई।
बैठक के दौरान राजस्व वसूली से संबंधित प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें विभागों द्वारा अब तक किए गये कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि सभी विभाग समन्वय स्थापित कर राजस्व वसूली की प्रक्रिया का कार्य तेजी से पूर्ण करते हुए लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण कर निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया करें तथा वसूली के साथ-साथ राजस्व वृद्धि की संभावनाओं को तलाशने हेतु नई योजनाएं बनायें।
जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी कोटद्वार, श्रीनगर और यमकेश्वर को निर्देश दिए कि अवैध खनन में शामिल डंपर, ट्रैक्टर ट्राली और जेसीबी मशीन को सीज करते हुए चालानी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया अवैध खनन वाले स्थानों पर नियमित व औचक निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने खनन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि अलकनंदा नदी में संभावित नए क्षेत्रों का निरीक्षण कर जानकारी प्रस्तुत करें, जहां कानूनी खनन की संभावना हो। उन्होंने खनन छापेमारी की प्रक्रिया को तेज करने और अवैध खनन में संलिप्त वाहनों व स्वामियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने खनन विभाग के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्त राजस्व 49.06 प्रतिशत रहने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए राजस्व बढ़ाने के निर्देश दिये।
आबकारी विभाग को ओवररेटिंग पर सख्त नियंत्रण रखने और राजस्व वृद्धि के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने अवशेष अधिभार वसूली कम करने पर नाराजगी जताते हुए 15 दिन के अन्दर राजस्व प्राप्ति के निर्देश दिये। कहा कि वसूली न कर पाने की स्थिति में जिला आबकारी अधिकारी के वेतन आहरण रोक लगाई जायेगी। बैठक में बताया गया कि आबकारी व पुलिस विभाग द्वारा माह अक्टूबर में जनपद के अलग-अलग स्थानों पर कुल 184 छापामारी की कार्यवाही की गई।
जिला निबंधक विभाग को भू कानून के दुरुपयोग की जांच कर भू माफिया को चिह्नित करने और स्टांप रजिस्ट्री तथा भूमि धोखाधड़ी के मामलों की निगरानी बनाए रखने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि जिला निबंधक कार्यालय के उप निबंधक कार्यालयों द्वारा स्टाम्प निबंधन शुल्क के रूप में 2312.12 लाख रूपये राजस्व प्राप्त हुआ है जबकि अक्टूबर माह में उप निबंधक कार्यालयों द्वारो स्टाम्प निबंधन शुल्क के रूप 323.29 लाख की प्राप्ति हुई है।
जिलाधिकारी ने यूपीसीएल को सर्दियों में विद्युत खपत में वृद्धि के सापेक्ष वसूली बढ़ाने और विद्युत चोरी को रोकने के लिए सख्ती से अभियान चलाने के निर्देश दिये। एस.डी.ओ. विद्युत ने अवगत कराया कि माह अक्टूबर में वितरण खण्ड पौड़ी द्वारा 150 छापे, विद्युत वितरण खण्ड श्रीनगर द्वारा 110, वितरण खण्ड कोटद्वार द्वारा 138 तथा वितरण खण्ड नैनीडांडा द्वारा 75 छापे मारे गये।
राज्य कर श्रीनगर व वन विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर तक प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व प्रतिशत कम रहने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए राजस्व प्राप्ति में बढ़ोतरी के निर्देश दिये।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से सभी उपजिलाधिकारी जबकि एन.आई.सी में एसडीओ वन आयशा बिष्ट, एसडीओ विद्युत गोविन्द सिंह रावत, जिला पर्यटन विकास अधिकारी केएस नेगी, सहायक आयुक्त चंचल चौहान, खाद्य अभिहित अधिकारी अजब सिंह रावत, खान अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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