जिला स्तरीय निर्यात समिति की बैठक संपन्न
कोटद्वार। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशानुसार जिला उद्योग केन्द्र, कोटद्वार के सभागार में जिला स्तरीय निर्यात समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सोमनाथ गर्ग ने की।
बैठक में उद्योग निदेशालय से डॉ. दीपक मुरारी, संयुक्त निदेशक ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग कर उत्तराखण्ड निर्यात नीति-2021 एवं उत्तराखण्ड स्टार्टअप नीति-2023 पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही भारत सरकार के विभिन्न विभागों ने भी वर्चुअल रूप से सहभागिता की। भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) नई दिल्ली की उप निदेशक मनीषा झा ने फियो की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में संतोष नौटियाल, उप निदेशक, आयुष निर्यात संवर्धन परिषद्, नई दिल्ली ने आयुष उत्पादों के निर्यात की संभावनाओं पर जानकारी दी। साथ ही अमित मोहन, सहायक निदेशक, एमएसएमई मंत्रालय, हल्द्वानी ने केंद्र सरकार की योजनाओं से अवगत कराया।
बैठक में स्थानीय स्तर पर उद्यमियों ने भी अपने सुझाव दिए। सिडकुल निर्माता संघ, ग्रोथ सेंटर सिगड्डी के सचिव विवेक चौहान ने अपने अनुभव साझा करते हुए जनपद के उद्यमियों को निर्यात की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
महाप्रबंधक सोमनाथ गर्ग ने सभी प्रतिभागी इकाइयों, निर्यातकों एवं निर्यात में रुचि रखने वाले उद्यमियों का आभार व्यक्त किया और उन्हें निर्यात के क्षेत्र में अधिक से अधिक योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
स्थानीय उत्पादों का सहकारिता मेले में जलवा
महिला समूहों और रेशम विभाग के उत्पाद मेले के आकर्षण केन्द्र बने
श्रीनगर/पौड़ी। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी बैंक पौड़ी-कोटद्वार के संयुक्त तत्वावधान में श्रीनगर के आवास विकास मैदान में जनपद स्तरीय सहकारिता मेला स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। मुख्य अतिथि के रूप में जिला सहकारी बैंक टिहरी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला और विशिष्ट अतिथि जयवीर मियां उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि सुभाष रमोला ने कहा कि सहकारिता विभाग ने राज्य की आर्थिक प्रगति में नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता अब रिवर्स पलायन रोकने और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम बन चुकी है। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की दूरदर्शी नीतियों से यह विभाग आज प्रदेश के अग्रणी विभागों में शामिल है। उन्होंने कहा कि पहले सहकारी बैंक घाटे में चल रहे थे, वहीं आज वे 300 करोड़ रुपये के लाभ में हैं। यह उत्तराखंड सहकारिता की नयी सफलता गाथा है।
मेले में लगाए गए 165 से अधिक स्टॉल स्थानीय उत्पादों की सफलता की मिसाल बने। उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के ऑर्गेनिक उत्पाद राजमा, मंडुवा का आटा, अचार और मक्के का आटा खरीदारों के बीच खासे लोकप्रिय रहे। उत्तराखंड रेशम फेडरेशन के कोट, टोपी, सूट, मफलर, स्टाॅल और पिछौड़े ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। रेशम की साड़ियां महिलाओं की पहली पसंद बनीं।
मेले के तीसरे दिन छात्र-छात्राओं के बीच क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें शैफर्ड स्कूल प्रथम, संस्कृत विद्यालय द्वितीय और भगवती मेमोरियल स्कूल तृतीय स्थान पर रहे। इसी क्रम में मेहंदी प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया।
मुख्य अतिथियों ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत 88 किसानों को 1.30 करोड़ रुपये के 0% ब्याज पर ऋण चेक वितरित किए। वहीं प्रगति महिला सहायता समूह (नीलकंठ) और खुशी महिला सहायता समूह (बिथ्याणी) को 5-5 लाख रुपये के चेक प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं को लक्ष्मी किट और गोद भराई किट भी दी गई।
सांस्कृतिक संध्या में चिल्ड्रन एकेडमी, राजकीय माध्यमिक विद्यालय श्रीकोट और आरसी मेमोरियल स्कूल के छात्र-छात्राओं ने लोकनृत्य और गीतों की आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। शाम को प्रसिद्ध गायक सौरभ मैठाणी के गीत “मैं पहाड़ों का रैवासी” और गायक अमित सागर की प्रस्तुति पर युवा झूम उठे। बारिश के बावजूद दर्शकों का उत्साह चरम पर रहा।
कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, कार्यक्रम संयोजक मंडल के सदस्य महावीर कुकरेती, मातवर सिंह रावत, संपत सिंह रावत, नरेंद्र सिंह रावत, मनोज पटवाल, सचिव/महाप्रबंधक संजय रावत, जिला सहायक निबंधक पान सिंह राणा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।


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