कोटद्वार के खनन के बड़े खिलाड़ी पर बड़ी कार्यवाही,खनन खिलाड़ियों में मची अफरातफरी

 कोटद्वार के खनन के बड़े खिलाड़ी पर बड़ी कार्यवाही,खनन खिलाड़ियों में मची अफरातफरी 

कोटद्वार में खनन माफिया के बड़े खेल में  पट्टाधारी पर ₹1.65 करोड़ की चपत 



 कोटद्वार। कोटद्वार में अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई — खनन माफियाओं पर कसता शिकंजा, पट्टाधारी पर ₹1.65 करोड़ से अधिक का अर्थदंड प्रस्तावित किया है।

कोटद्वार।पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार क्षेत्र में खनन विभाग ने अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पट्टाधारी पर ₹1,65,89,744 का भारी अर्थदंड प्रस्तावित किया है। यह कदम सुखरौ नदी किनारे लगातार हो रही अवैध खनन गतिविधियों की शिकायतों के बाद उठाया गया। 



सिंचाई, राजस्व और खनन विभाग की संयुक्त टीम ने मैसर्स त्रिलोक इंटरप्राइजेज (प्रो. लोकपाल सिंह रावत) द्वारा संचालित स्वीकृत खनन लॉट पर जब  निरीक्षण किया तो चौंकाने वाले अनियमिताओं ने निरीक्षण करने पहुंचे विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों की आंखें खुली की खुली रह गई।। जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ पाए जाने पर कठोर कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्तावित कर दी गई है। कोटद्वार में राज्य बनने के बाद अवैध खनन पर पहली बार इतनी कठोर कार्यवाही होने से अवैध खनन में लिप्त फर्मों और कारोबारियों में अफरातफरी मची हुई है। 



निरीक्षण के दौरान पाई गई गंभीर अनियमितताएँ

1- सीमांकन पिलर गायब

टीम को मौके पर कई सीमांकन पिलर टूटे और गायब मिले, जो खनन क्षेत्र की सीमा निर्धारण के लिए अनिवार्य होते हैं।

2- प्रतिबंधित क्षेत्रों में खनन - प्रतिबंधित खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उपखनिज का उत्खनन पाया गया।

3- स्वीकृत गहराई का उल्लंघन - पट्टाधारी को अधिकतम 2 मीटर तक खनन की अनुमति थी, जबकि कई स्थानों पर 3.5 मीटर तक गहराई में अवैध उत्खनन किया गया। इससे सिंचाई विभाग की बाढ़ सुरक्षा दीवार व कई CC ब्लॉक्स को नुकसान का खतरा पैदा हो गया।

84,240 टन अवैध उपखनिज उठान का खुलासा

 खनन कारोबारी द्वारा स्वीकृत खनन पट्टे के अतिरिक्त पट्टे से सटे क्षेत्र में अवैध खनन कर स्वीकृत मानकों को दत्ता बताते हुए अपनी पहुंच और पावर का प्रभाव दिखाते हुए अनियमिताओं को अंजाम दिया। खनन विभाग द्वारा प्रस्तावित मानक- 300 मीटर लंबाई,60 मीटर चौड़ाई,2.6 मीटर गहराई।

परन्तु निरीक्षण के दौरान अवैध सेन्ड उठान पाई गई, जिसका अनुमानित मात्रा 84,240 टन है, जबकि ई-रवन्ना पोर्टल के अनुसार केवल 48,655.2 टन उपखनिज की ही वैध निकासी दर्ज है। इस आधार पर 35,584.8 टन अवैध विक्रय पर ₹99,63,744 दंड प्रस्तावित किया गया। प्रतिबंधित क्षेत्र से 14,850 टन अवैध खनन → ₹41,58,000 दंड,अपस्ट्रीम क्षेत्र से 8,100 टन अवैध उत्खनन → ₹22,68,000 दंड,रिकॉर्ड में गड़बड़ियाँ, CCTV फुटेज उपलब्ध न कराना और पिलरों का रख-रखाव न करना → ₹2,00,000 दंड

विभाग द्वारा खनन कारोबारी को दिए सख्त निर्देश -

विभाग ने पट्टाधारी को निर्देश देते हुए कहा हैं कि वह एक सप्ताह के भीतर पूरा विक्रय विवरण,CCTV फुटेज,रख-रखाव व सीमांकन से जुड़े सभी रिकॉर्ड प्रस्तुत करे। जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो विभाग अर्थदंड अधिरोपित कर वसूली प्रक्रिया शुरू करेगा।

 


Post a Comment

0 Comments