कोटद्वार में दिव्यांगो को रोजगार से जोड़ने के लिए दोना-पत्तल मशीन कोटद्वार में स्थापित
‘दिया दिव्यांग संस्था’ को दोना–पत्तल निर्माण हेतु जिलाधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई मशीनरी
कोटद्वार और आस-पास के कर्मयोगी दिव्यांग होंगे आत्मनिर्भर
जिलाधिकारी ने पूर्व में दिया दिव्यांग संस्था का निरीक्षण किया था। उन्होंने दिव्यांजनों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उनसे सुझाव लिए थे कि किस क्षेत्र में रोजगार करने के लिए इच्छुक हैं। इस दौरान दिव्यांगजनों ने जिलाधिकारी से दोना–पत्तल बनाने की मशीन स्थापित करने का निवेदन किया। जिलाधिकारी ने दिव्यांगजनों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें मशीन उपलब्ध करायी। उन्होंने संस्था को दिव्यांगजनों को दोना–पत्तल बनाने के लिए प्रशिक्षण देने को कहा। जिलाधिकारी के प्रयास से दिव्यांगजनों ने प्रशिक्षण लेकर दोना–पत्तल निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि जनपद के दिव्यांगजन किसी पर निर्भर न रहें, बल्कि अपने कौशल के आधार पर सम्मानपूर्वक जीवनयापन कर सकें। नींबूचौड़ की दिया दिव्यांग संस्था को दी गयी सहायता उसी दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार से जुड़े दिव्यांगों को देखकर अन्य दिव्यांगजन भी प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है, और आगे भी दिव्यांगजनों के लिए ऐसी पहलें जारी रहेंगी।
संस्था की संचालिका कविता मलासी ने बताया कि मशीन और कच्चा माल मिलने के बाद दिव्यांगजन तेजी से प्रशिक्षण लेकर उत्पादन कार्य में जुट गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि दिव्यांगजन हितों के प्रति उनका दृष्टिकोण संवेदनशील और सार्थक है, जिससे दिव्यांगजन आत्मनिर्भर हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि संस्था से 20 से अधिक दिव्यांगजन जुड़े हैं, जो अब अपने ही क्षेत्र में प्रशिक्षण लेकर दोना–पत्तल का उत्पादन करने लगे हैं। संस्था से जुड़े दिव्यांगजनों ने कहा कि इस सहयोग से उनमें कार्य करने का उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ा है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी रोहित सिंह दुबड़िया ने बताया कि यह पहल दिव्यांगजन सशक्तीकरण की दिशा में जिलाधिकारी की महत्वपूर्ण सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य उन्हें कौशल आधारित रोजगार प्रदान कर अपने पैरों पर खड़ा करना तथा मुख्यधारा से जोड़ना है।

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