महिलाओं ने सीखी सात शक्ति जागृत करने की महत्ता "सप्तशक्ति"

  महिलाओं ने सीखी सात शक्ति जागृत करने की महत्ता, "सप्तशक्ति संगम" 



कोटद्वार। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध भारतीय शिक्षा समिति द्वारा संचालित रितेश शर्मा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज जानकीनगर कोटद्वार में सप्तशक्ति संगम 2025 (मातृ सम्मेलन) प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में महिलाओं की सशक्त भूमिका व समाज निर्माण में उनके योगदान पर प्रेरक उद्बोधन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सप्तशक्ति संगम प्रांत संयोजिका मधुबाला नौटियाल , कार्यक्रम अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता पी एम श्री रा बा इ का कोटद्वार की प्रधानाचार्या बबीता ध्यानी, अभिभावक प्रतिनिधि वक्ता बसंती रावत, रंजीता देवी एवम मीनू देवी ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम संयोजिका सरोज नेगी ने बताया कि श्रीमद् भगवद गीता में नारी में सात शक्ति को जागृत करने और परिवार समाज एवं राष्ट्र के निर्माण में महती भूमिका निभाने पर जोर दिया गया है। कार्यक्रम अध्यक्ष बबीता ध्यानी ने कहा नारी शक्ति केवल परिवार की धुरी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। हर मां के भीतर एक मार्गदर्शक, शिक्षक और परिस्थितियों को जीतने वाला वीरता का भाव छिपा होता है। अभिभावक प्रतिनिधि वक्ता बसंती रावत ने कहा कि आज का सम्मेलन मातृ शक्ति के सम्मान और जागरण की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने माताओं से बच्चों में संस्कार व संस्कृति को बचाए रखने के लिए अनुशासन का महत्व बताया। अन्य अभिभावक प्रतिनिधि वक्ता रंजीता देवी ने कहा कि समाज परिवर्तन तभी संभव है जब महिलाएं अपनी शक्ति को पहचाने और उसे समाज हित में लगाएं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य व आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। विशिष्ट अतिथि इन्द्रा शर्मा ने कहा कि एक शिक्षित और जागरूक नारी, पूरे समाज की दिशा परिवर्तन कर सकती है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपनी भूमिका को सीमित न मानें, बल्कि नेतृत्व करें। इस दौरान महिलाओं की प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। सही जवाब देने वाली महिलओं को सम्मानित किया गया। अन्त में वरिष्ठ आचार्या संगीता रावत ने शांति मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया। 

कार्यक्रम में विद्यालय की आचार्या संगीता रावत, नंदिनी नैथानी, विनीता बिष्ट, साक्षी अग्रवाल, संगीता देवी एवं मातृशक्ति के रूप में रोशनी देवी, ममता देवी, पूनम देवी, लक्ष्मी देवी, बबीता देवी, कुसुम देवी, रीता देवी, मालती देवी सहित 140 मातृशक्ति उपस्थित रही।

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